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रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए कृषि यंत्र सुधार करने के लिए अनुदान योजना चलाई है। सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र प्रदान की जा रही है। विभिन्न राज्यों में इस योजना को अलग-अलग नामों से चलाया जाता है। 

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान (Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan), कृषि यंत्रीकरण योजना उत्तर प्रदेश (Agricultural Mechanization Scheme) और ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना मध्यप्रदेश (E-Krishi Yantra Anudan Yojana) चल रही हैं। किसानों को इन योजनाओं के तहत राज्य अपने स्तर पर कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ देते हैं।

रोटावेटर का क्या कार्य होता है?

रोटावेटर का इस्तेमाल खेत को जोतने के लिए किया जाता है। रोटावेटर से जुताई करते ही जमीन भुरभुरी हो जाती है। इसकी सहायता से फसलों को मिट्टी में मिलाना बहुत आसान होता है। रोटावेटर के प्रयोग से खेत की मिट्टी उपजाऊ बनती है।

रोटावेटर पर किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी

किसानों को राज्य सरकार से रोटावेटर खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसानों और महिलाओं को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 20 बीएचपी से अधिक क्षमता वाले रोटावेटर की कीमत का 50 प्रतिशत, या 42,000 से 50,400 रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। 

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साथ ही, अन्य श्रेणी के किसानों को रोटावेटर की लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जो 34,000 से 40,300 रुपये तक हो सकती है।

रोटावेटर कितनी कीमत तक मिल जाता है? 

कई कंपनिया रोटावेटर का निर्माण करती है साथ ही इनकी कीमत भी किसानों के बजट के आधार पर निर्धारित करती है। रोटावेटर की कीमत लगभग 50,000 रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक है। रोटावेटर की कीमत इसके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के आधार पर निर्धारित की जाती है।

रोटावेटर की खरीदी के लिए पात्रता और शर्तें   

  • आवेदक के पास स्वयं के नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए या अविभाजित परिवार में राजस्व रिकार्ड में नाम होना चाहिए।
  • ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आवेदक के नाम से होना चाहिए।
  • विभाग की किसी भी योजना में किसी भी प्रकार का कृषि यंत्र एक किसान को तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार दिया जाएगा।
  • एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को सभी योजनाओं में अलग-अलग प्रकार के तीन कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।
  • राज किसान साथी पोर्टल पर सूचीबद्ध किसी भी पंजीकृत निर्माता या विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदने पर ही अनुदान दिया जाएगा।

रोटावेटर की खरीद पर सब्सिडी लेने के लिए आवेदन प्रिक्रिया 

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको राजकिसान पोर्टल पर आवेदन करना होगा जिससे की आपको समय पर योजना का लाभ प्राप्त हो सके। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का रैंडमाइजेशन के बाद ऑनलाइन वरीयता क्रम के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। 

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जो किसान स्वयं आवेदन करना चाहते हैं, वे राजकिसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यदि स्वयं आवेदन नहीं कर सकते हैं तो आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आप आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किए जाने की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं। 

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज 

आवेदन करते समय आपके पास आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए), जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण-पत्र (आर.सी.) की प्रति (ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए अनिवार्य) की आवश्यकता होगी।   

राज्य के किसानों कृषि कार्यालय से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही कृषि यंत्रों की खरीदी कर सकेंगे। किसान को मोबाइल संदेश या उनके क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से स्वीकृति की जानकारी दी जाएगी। 

कृषि उपकरण या मशीन की खरीद के बाद कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा भौतिक जांच की जाएगी। सत्यापन के समय कृषि यंत्र की खरीद का बिल देना होगा। तब ही अनुदान का भुगतान किसान के बैंक खाते में डिजिटल रूप से किया जाएगा।

इस राज्य की सरकार डेयरी स्थापना के लिए 31 लाख का अनुदान मुहैय्या करा रही है

इस राज्य की सरकार डेयरी स्थापना के लिए 31 लाख का अनुदान मुहैय्या करा रही है

कृषकों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न कोशिशें की जा रही हैं। सरकार किसानों को खेती के साथ पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। 

इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों के लिए बहुत सारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की तरफ से नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (Nandini Krishak Samriddhi Yojana) का संचालन किया जा रहा है। 

विशेष बात यह है, कि इस योजना के अंतर्गत डेयरी खोलने के लिए सरकार की ओर से कृषकों को 31 लाख रुपए तक का अनुदान मुहैय्या कराया दिया जा रहा है। 

राज्य के पात्र किसान नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत आवेदन करके इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।

डेयरी इकाई स्थापना के लिए कितना अनुदान दिया जा रहा है ?

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत किसान पशुपालकों को राज्य सरकार की तरफ से 25 दुधारू गायों की एक इकाई की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाएगा। 

सरकार की तरफ से इकाई की स्थापना लागत 62,50,000 रुपए निर्धारित की गई है। इस पर पशुपालक किसान को 50% प्रतिशत यानी 31,25,000 रुपए का अनुदान यानी subsidy दी जाएगी। 

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ऐसे में उत्तर प्रदेश के पशुपालक किसान सरकार की इस योजना का फायदा उठाकर दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाने के साथ ही अपनी आमदनी में भी इजाफा कर सकते हैं।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना हेतु पात्रता और शर्तें क्या हैं ? 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रताएं भी निर्धारित की गई हैं। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए जो पात्रता निर्धारित की गई हैं, वह निम्नलिखित हैं। 

उत्तर प्रदेश का कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है। महिला आवेदक भी इस योजना की पात्र होंगी। किसान का बैंक में खाता होना अनिवार्य है। 

इस योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थी को कम से कम तीन साल गाय पालन का अनुभव होना जरूरी है। गायों की ईयर टैगिंग करना आवश्यक होगा। 

आवेदन करने वाले किसान के पास कम से कम 0.5 एकड़ जमीन का होना जरूरी है, ताकि वह गाय की डेयरी यूनिट की स्थापना कर सके। 

किसान के पास हरे चारे के उत्पादन के लिए कम से कम 1.5 एकड़ जमीन होनी चाहिए। यह जमीन पशुपालक की अपनी जमीन या लीज पर ली हुई जमीन भी हो सकती है। 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लुफ्त उठाने हेतु अनिवार्य दस्तावेज 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना में आवेदन करने के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। आवेदन करते समय आवेदक किसान का पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, बैंक खाता विवरण, राशन कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर आदि दस्तावेज या डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना हेतु आवेदन प्रक्रिया 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना को यूपी सरकार की तरफ से चलाया जा रहा है। ऐसे में यूपी के पशुपालक किसान इस योजना का खूब लाभ उठा सकते हैं। 

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इसके लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है। आवेदनों की तादात ज्यादा होने पर लाभार्थी का चुनाव मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी के जरिए से किया जाएगा। 

योजना के प्रारंभिक चरण में अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, झांसी, मेरठ, प्रयागराज, लखनऊ, आगरा और बरेली जिलों के पशुपालक किसान आवेदन कर सकते हैं। 

योजना में आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने संबंधित जनपदों के पशुपालन विभाग से संपर्क साध सकते हैं।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की विशेष बातें  

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत किसानों को दूध बिक्री के लिए संसाधन मुहैय्या कराए जाएंगे। लाभार्थी पशुपालकों को दूध का सही भाव दिया जाएगा। 

दुग्ध सरकारी समितियों द्वारा पशुपालकों को उनके गांव में ही दूध बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत सरकार द्वारा सभी किसानों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिससे कि भविष्य में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

पशु आहार व चारा बनाने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहन 

किसानों के साथ ही पशु आहार और चारा बनाने वाले उद्योगों को भी बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना की निगरानी के लिए जनपद और प्रदेश समिति का गठन किया गया है। 

किसानों को पशुपालकों के साथ-साथ देशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे कि दूध की मात्रा में इजाफा हो सके। इस योजना के अंतर्गत जनपद की महिलाओं की अहम भूमिका होगी। 

इस योजना में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाएगा। चयन पत्र की प्राप्ति के पश्चात लाभार्थी द्वारा 2 माह के अंदर स्वदेशी नस्ल की गिर, साहीवाल, हरियाणा या थारपारकर गाय का क्रय किया जाएगा।